यहोवा चरवाहा मेरा,
कोई घटी मुझे नहीं है
हरी चराइयों में मुझे,
स्नेह से चराता वो है
मृत्यु के अंधकार से,
मैं जो जाता था
प्रभु यीशु करुणा से
तसल्ली मुझे दी है,
यहोवा चरवाहा…
शत्रुओं के सामने,
मेज को बिछाता वो है
प्रभु ने जो तैयार की,
मन मेरा मगन है
यहोवा चरवाहा…
सिर पर वो तेल मला है,
अभिषेक मुझे किया है
दिल मेरा भर गया है,
और उमड़ भी रहा है
यहोवा चरवाहा…
सर्वदा प्रभु के घर में,
करूँगा निवास जो मैं,
करूणा भलाई उसकी,
आनंदित मुझे करती है
यहोवा चरवाहा…
We will be happy to hear your thoughts