यीशु को छोड़ कर मैं कहाँ जाऊँगा
यीशु को छोड़ कर मैं, कहाँ जाऊँगा किस दर पे जाके अपना, सिर झुकाऊँगा पूरब में जाऊँ तो, वहाँ पर तू है पश्चिम में जाऊँ तो, वहाँ पर भी है उत्तर और दक्षिण में भी मौजूद है चारों दिशाओं को थामे हुए यीशु को… पहाड़ों में वादियों में, तेरा काम है नदी समुंद्र में भी …