उस खुदा-ए पाक के
उस खुदा-ए पाक के उस खुदा-ए पाक के साए में है कितना है सुकून वो मेरा घर है पनाह मेरी ये मै सब से कहूँ उस पे ही तू रख उम्मीद और उसपे ही कर ले यकीन जाल से सैय्याद के तुझ को छुड़ा लेगा वो ही वो तुझे अपने परांे से ढक लेगा प्यार …
उस खुदा-ए पाक के उस खुदा-ए पाक के साए में है कितना है सुकून वो मेरा घर है पनाह मेरी ये मै सब से कहूँ उस पे ही तू रख उम्मीद और उसपे ही कर ले यकीन जाल से सैय्याद के तुझ को छुड़ा लेगा वो ही वो तुझे अपने परांे से ढक लेगा प्यार …