रूह-ए-पाक हम पे आ

रूह-ए-पाक हम पे आ आ ठहर जा सूरत बदले, जीवन बदले बदले तन और मन बदले तन और मन रूह-ए-पाक जीना सिखा आ ठहर जा रूह-ए-पाक… बदलूँ मैं, तड़पूँ मैं जीवन यीशु के लिये जीवन यीशु के लिये रूह-ए-पाक मुझपे आ आ ठहर जा रूह-ए-पाक… दूल्हे दुल्हन का हो रिश्ता गहरी गहरी प्रीत गहरी गहरी …

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