मेरी रूह खुदा की प्यासी है
मेरी रूह खुदा की प्यासी है मेरी रूह जैसे हिरणी पानी के नालों को तरसती है मेरी रूह मेरी रूह रात और दिन आँसू बहते हैं दुनिया वाले यह कहते हैं है कौन कहाँ है तेरा खुदा क्यों है इतना बेचैन यह दिल क्यों जान ये गिरती जाती है होगा किस दिन दीदार तेरा कब …