गिन गिन के स्तुति करूँ

गिन गिन के स्तुति करूँ, बेशुमार तेरे दानों को लिये, अब तक तूने संभाला मुझे, अपनी बाहों में लिये हुए -2 तेरे शत्रु का निशाना, तुझ पर होगा ना सफल-2, आँखों की पुतली जैसे, वो रखेगा, तुझे हरपल गिन गिन… आँधीयाँ बन के आयें, जिन्दगी के फिकर, कौन है तेरा खेवनहारा, है भरोसा तेरा किधर …

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