इक बार तू मसीहा का, दीवाना बन के देख

इक बार तू मसीहा का, दीवाना बन के देख – 2 जल जा उसी के प्यार में, दीवाना बन के देख ग़र इश्क देखना है तो, सूली पे वार कर – 2  सच्चाई देखनी है तो, पसली पे कर नज़र  कीलों से छेदे हाथ को नज़राना बन के देख  एक बार तू … जितनी पड़े …

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