चले आओ, थके लोगों

चले आओ, थके लोगों – 2 मैं ही यीशु, जो विश्राम दूँ ये बोझ जरा, मुझे दे दो सलीब पर सब उठा लूँगा चले आओ… क्या बेकार हो, अकेले पड़े निराशा ही है, सहारा नहीं ना घर बार है, पड़ोसी नहीं मददगार का, निशां ही नहीं चले आओ… क्या दिल टूटा, हताश पड़े ना कल …

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