आराधना हो स्वर सुसज्जित

आराधना हो स्वर सुसज्जित आराधना हो स्वर सुसज्जित प्रभु इस पवन धरा पर आज हर मानव है पुलकित ख्रिस्त के पवन जनम पर कितनी खुश है आज प्रति कर पुष्प है महक रहा ीमत सारी सृष्टि आज मुकर है बालक येशु को पाकर आराधना हो… रूप धरा उसने मानव का भेंट चढ़ाया निज जीवन को …

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