सहारा मुझको चाहिये
सहारा दे मुझे खुदा
मुझे संभाल मैं गिरा
मुझे संभाल मैं गिरा
ये बोझ जो गुनाहों का
मैं ले के आज चल रहा – 2
उठायेगा अगर कोई,
वो तू ही तो है ऐ खुदा
मुझे संभाल मैं गिरा
मुझे संभाल मैं गिरा
सहारा मुझको चाहिये
सहारा दे मुझे खुदा
कठिन हैं रास्ते बहुत,
हर एक मोड़ पर खतर – 2
अंधेरे सायों को हटा,
दिखा दे मुझ को अब सहर,
मुझे संभाल मैं गिरा
मुझे संभाल मैं गिरा
सहारा मुझको चाहिये
सहारा दे मुझे खुदा
जहाँ के रास्तों पे मैं,
अकेले चल ना पाऊँगा – 2
अगर जो चलना चाहूँ भी,
फिसल के गिर मैं जाऊँगा,
मुझे संभाल मैं गिरा
मुझे संभाल मैं गिरा
सहारा मुझको चाहिये
सहारा दे मुझे खुदा