मैं हूँ मगन, मेरे यीशु में
मेरी लगन मेरे प्रभु में,
सिखाता है वो जिन्दगी की बातें,
खुशहाल करता है दिन और रातें
मैं हूँ मगन…
अकेला चला था मैं गिर गया था
सहारा कोई ना, मुझको मिला था
यीशु ने आकर मुझको संभाला
हाथ बढ़ाकर मुझको निकाला
मैं हूँ मगन…
जीवन है क्या, है तेरी इनायत
करता रहूँ मैं, तेरी इबादत
हर साँस मेरी, है आशीष तेरी
तुझसे जुड़ी है हर बात मेरी
मैं हूँ मगन…
पग पग है मुश्किल, पग पग है धोखा
हर बाधा ने मुझको है रोका
यीशु मसीह मेरा पालनहारा
उसका नाम ले हर काज संवारा
मैं हूँ मगन…
राहें अंधेरी, यीशु है ज्योति
जीवन का जल वो है जीवन की रोटी
संकरी राहों पे मुझको चलाता
कैसा प्यारा है मेरा विधाता
मैं हूँ मगन…