कैसा अनोखा, यीशु का प्यार
स्वर्ग से पृथ्वी पर आया,
करने सब पापीयों का उद्धार
क्रूस पर प्रकट हो गया
जब मैं गुनाहों के फन्दे में था,
उसने मुझे छुड़ा लिया
पापों का बोझ जो मुझ पर था,
स्वयं उसने ले लिया
कैसा अनोखा…
कोड़ों की मार, काटों की मार,
मेरे प्रभु ने सह लिया
सलीब का बोझ जो मुझ पर था,
वो भी उसने ले लिया
कैसा अनोखा…
मांगा जब पानी सिरका मिला
प्यासा यीशु रह गया
ऐ मानव तूने क्या किया
जगत्राता को क्रूस दिया
कैसा अनोखा…
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