जीवन की रोटी है तू
जीवन का पानी है तू
खाता है जो ये बदन
पीता है जो ये लहू
ना भूखा रहे
ना प्यासा रहे
जीवन की रोटी है तू
कोड़े खाये, खून बहाया
कर्बै-मुसलसल, सलीब उठाये
काँटों का ताज पहने मसीहा
कलवरी मौत मेरे पाप उठाये
खाता है जो…
मुँह-ए-मुबारक पे थूका गया
जख्मी बदन से शिफा दिलाये
लहू से अपने अहद बनाया
मौत से अपनी जीवन दिलाये
खाता है जो ये…
नामुनासिब गर ये रोटी तू खाये
उसकी कुर्बानी जो नो पहचाने
जाँच ले बंदे तेरा ये जीवन
यीशु को अपनी नजात बनाले
खाता है जो…
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