जाने आकाश और जानती है धरा
प्यार पापी से कितना मसीह ने करा
जान दी उसने तेरे लिये
क्या किया तूने उसके लिये
तेरे बदले में वो जो मरा
तूने उसके लिये क्या करा
जाने आकाश…
कोड़े और ताने उसने सहे,
होंठ बंद फिर भी उसके रहे
कीलें हाथों में भी ठोंक दी
माफ फिर भी सभी को करा
जाने आकाश…
बादलों पे मसीह आयेगा,
अपनी दुल्हन को ले जायेगा
है बटोरा यहाँ जो भी कुछ
वो रहेगा यहीं पे धरा
जाने आकाश…