दुनिया की भीड़ में क्यों खो रहा
मिलेगा कुछ भी न फल जो बो रहा
तू आजा घर लौट आ
आ बेटे घर लौट आ
दुनिया की भीड़ मे क्यों खो रहा
१. मैं ढूँढू उस भेड़ को जो खो गयी
गुनाहों की जेल में बंद हो गयी
तू आजा घर लौट आ
आ बेटे घर लौट आ
२. गुनाहों में था अब तलक, तू जो धसा
मकड़ी के जाल मे था जो फंसा
तू आजा घर लौट आ
आ बेटे घर लौट आ
३. तू आँखे आब खोल कर सब जाँच ले
तू सच और झूट को अब माप ले
तू आजा घर लौट आ
आ बेटे घर लौट आ