दिल मेरा ले ले प्यारे यीशु
तू ही ने इसे बनाया है
इसमें तू अपना घर बना ले
जिसके लिये बनाया है
दुनिया की सब चीज़ें निकालकर
इसे पाक-ओ-साफ़ कर,
गंदगी गुनाहों की तू धोकर,
उस खून से जो बहाया है
दिल मेरा…
बहुत साल रहा मैं तुझसे दूर
लापरवाही ने किया दूर
फ़जल प्यार रहम की बख्शीश नेकी,
सब्र कर मुझे सिखाया है
दिल मेरा…
जब पढ़ता हूँ कलाम-ए-पाक
जो रास्ता है शाह राह
राह हक ओ जिन्दगी अब्दी,
ईमान उम्मेद बढ़ाता है
दिल मेरा…
रूह-ए-पाक का हो जाये मस्कन,
रूह-ए-पाक के बपतिस्मा से,
हर वक्त हर जगह दूँ गवाही,
जैसा उसने सिखाया है,
दिल मेरा…