ऐ बाप तू बरकत दे
रूह-ए-पाक तू बरकत दे
नाज़िल कर अपना कलाम-2
मुझे और मुहब्बत दे
रूह-ए-पाक तु मुझसे बोल
मेरे दिल की आँखें खोल
जीवन जल मुझको पिला
है प्यार तेरा अनमोल
हर गाम पे रक्षा कर
मेरे आगे आगे चल
मेरा हाथ पकड़ ले तू
मेरे साथ तू हर पल
मुझे खून से अपने धो
मेरी जान-बदन-रूह को
मेरी सोच बदल दे तू
अंदाज़ नया भी हो