आज फंसी मझधार में नैया
आज फंसी मझधार में नैया
ढूंढ रही है किनारा
माझी रे . 2
माझी रे . 12
पाप करेगा जो इस जग में
वो हरदम पछतायेगा
जो माने ना बात प्रभु की
मौत से ना बच पायेगा
तेरा मानव कौन खेवैय्या . 2
कोई ना तेरा सहारा
आज फंसी…
क्रूस चढ़ा प्रभु तेरे कारण
दुख के कांटे सर पे सहकर
हो गये अपने आज पराये
सोचा नहीं पापों में फँसकर
सोच समझ ले, अब तू बंदे . 2
यीशु है तेरा सहारा
आज फंसी…